Thursday, January 23, 2020

आबादी काबू में करने की संघ की सलाह पर क्या सरकार आगे बढ़ेगी?

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सीएए और एनआरसी पर उठे विवाद के चलते सरकार कुछ समय तक अपने कदम रोक सकती है|

क्या संघ प्रमुख मोहन भागवत का दो बच्चों वाले परिवार की वकालत करना मोदी सरकार के अगले अजेंडे की ओर इशारा करता है/ क्या भागवत की सलाह पर सरकार आगे बढ़ेगी/ दरअसल, संघ प्रमुख के बयान के बाद बहस तेज हो गई है। हालांकि बाद में संघ प्रमुख ने अपने बयान पर सफाई भी दी और कहा कि वे कानून की बात नहीं कर रहे हैं। लेकिन उनका बयान ऐसे समय में आया है जब तमाम अजेंडे पूरे होने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि सरकार और बीजेपी इसी मुद्दे पर निर्णायक रूप से आगे बढ़ेंगी। बड़ा सवाल है कि कब और किस तरह। अभी जो संकेत हैं उस हिसाब से पहले ही सीएए और एनआरसी पर उठे विवाद के बीच मोदी सरकार जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर आक्रामक रूप से आगे बढ़ने से परहेज कर सकती है। सरकारी सूत्रों के अनुसार आने वाले सालों में सरकार और बीजेपी के अजेंडे में यह प्राथमिकता में रहेगी और बस उचित समय का इंतजार होगा।

सरकार की मंशा है कि अभी इस पर आम राय बने और स्वच्छ भारत अभियान की तरह इस मुद्दे पर आगे बढ़ा जाए। बीच में ऐसी चर्चा थी कि सरकार बजट सत्र में इससे जुड़ा कानून ला सकती है। लेकिन सरकार ने अभी इस पर विराम लगाने के संकेत दिए हैं। अब तय हुआ कि इसके लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जिसकी शुरुआत इसी साल हो सकती है। मालूम हो कि नीति आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में रोडमैप तैयार करने के लिए एक हाई लेवल मीटिंग की थी। इसमें अगले 15 सालों में जनसंख्या को किस तरह नियंत्रण में लाया जाए, क्या नीति हो, इस पर चर्चा हुई थी। सूत्रों के अनुसार नीति आयोग इस मामले में पीएमओ को रिपोर्ट दे रहा है। नीति आयोग ने रोड मैप तैयार करने की पहल की है।

पिछले साल पहली बार दिया था बड़ा संकेत: आबादी नियंत्रण और दो बच्चों के परिवार पर नियम के संबंध में सरकार और बीजेपी अब गंभीर हो चुकी हैं। इसका अंदाजा पिछले साल तब लगा था जब स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने पहली बार सार्वजनिक मंच पर जनसंख्या नियंत्रण को देशभक्ति से जोड़ा था। दरअसल, बीजेपी और संघ काफी समय से जनसंख्या नियंत्रण को बड़ा अजेंडा बनाकर पेश करते रहे हैं। पीएम मोदी ने पिछले साल अपने दूसरे टर्म के पहले भाषण में जो देश को संदेश दिया, उसका संकेत साफ था कि अब इस पर बात करने का समय आ गया है। पीएम मोदी ने कहा था- 'हमारे यहां जो जनसंख्या विस्फोट हो रहा है, ये आने वाली पीढ़ी के लिए संकट पैदा करता है। लेकिन ये भी मानना होगा कि देश में एक जागरूक वर्ग भी है जो इस बात को अच्छे से समझता है। ये लोग अभिनंदन के पात्र हैं। ये लोग एक तरह से देश भक्ति का ही प्रदर्शन करते हैं।' धारा 370 की बात के बाद पीएम मोदी के भाषण पर सबसे अधिक ताली इसी बात पर बजी थी। पीएम मोदी ने पिछले 6 सालों में पहली बार किसी बड़े मंच से इस मुद्दे पर सार्वजनिक बात की थी। 2024 के जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा आगे लाया जाएगा। विपक्ष पहले से खुद को तैयार भी कर चुका है।
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