इनकम टैक्स में बदलाव पर गठित कमिटी ने वित्त मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट
कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद मिडल क्लास को टैक्स में छूट देने का सुझाव
कमिटी की सिफारिशों में मुख्य रूप से 10% के स्लैब को वापस लाने की बात भी है "6 से 7 लाख की आमदनी को 5% के इनकम स्लैब में किया जा सकता है
अ गर इनकम टैक्स पर गठित कमिटी की सिफारिशें मानी गईं तो 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव हो सकता है। 6 से 7 लाख रुपये तक आमदनी को 5 पर्सेंट के इनकम स्लैब में किया जा सकता है। 10 पर्सेंट का इनकम टैक्स फिर से लागू किया जा सकता है। फिलहाल 2.50 लाख रुपये तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगता है। 2.50 से 5 लाख रुपये की आमदनी पर 5 पर्सेंट इनकम टैक्स लगता है।
सूत्रों के अनुसार, बजट से पहले इनकम टैक्स में बदलाव पर गठित कमिटी ने वित्त मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद बेहतर होगा कि इस बार लो मिडल क्लास और मिडल मिडल क्लास को छूट दी जाए। ऐसे में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव करने की जरूरत है। निचले स्लैब में बदलाव करके लो मिडल क्लास और मिडल मिडल क्लास को राहत दी जा सकती है।
राहत पर महामंथन
एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, बजट से पूर्व PMO के साथ वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की इनकम टैक्स स्लैब में राहत को लेकर कई बैठकें हुईं। इनमें दो बातों पर विचार किया गया। पहला, निवेश में इनकम टैक्स छूट में बढ़ोतरी और इनकम टैक्स स्लैब में इस तरह से बदलाव किया जाए, जिससे 10 लाख रुपये तक की आमदनी वालों को फायदा मिल सके। सूत्रों के अनुसार, कमिटी की सिफारिशों में मुख्य रूप से 10 पर्सेंट स्लैब को वापस लाने की बात कही गई है। यह वित्त मंत्रालय पर छोड़ा गया है कि वह अपनी वित्तीय स्थिति को देखते हुए यह फैसला करे कि कितनी आमदनी को वह 10 पर्सेंट इनकम टैक्स स्लैब में ला सकती है। मौजूदा समय में 2.50 लाख से 5 लाख रुपये तक आमदनी पर 5, 5 से 10 लाख रुपये तक आमदनी पर 20 और 10 लाख रुपये से ज्यादा आमदनी पर 30 पर्सेंट टैक्स देना पड़ता है।
सरकार पर दबाव
अधिकारी के अनुसार, सरकार पर पूरा दबाव है कि वह इनकम टैक्स में इतनी राहत दे, जो नजर आए। साथ ही आम इनकम टैक्सपेयर्स की जेब में थोड़ा पैसा आए, ताकि वह मार्केट में उसको फ्लो कर सके। यही कारण है कि इस बार इनकम टैक्स के मोर्चे पर ऐसी राहत मिलने की संभावना ज्यादा है।
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